
लवन सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र में 35 दिन में 108 प्रसुताओं का हुआ सुरक्षित प्रसव
सुरक्षित डिलीवरी के लिए समय से पहले अस्पताल जरूर पहुंचे – डाॅ. प्रेमी
बलौदाबाजार,
फागुलाल, रात्रे, लवन।
फागुलाल, रात्रे, लवन।
सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र लवन में प्रसव कराने वालों की संख्या बढ़ रही है। पहले की अपेक्षा भीड़ बढ़ने लगी है। डिलीवरी के लिए गर्भवती महिलाएं इसी अस्पताल को अच्छा मान रही है, जिसकी वजह से यंहा गर्भवती महिला प्रसव कराने पहुंच रही है। लवन अस्पताल में हर दिन नन्हे बच्चों की किलकारी सुनाई पड़ रही है। सुरक्षित प्रसव होने पर आसपास के लोग प्रसव कराने पहुंच रहे है। बीएमओ डाॅ. राकेश कुमार प्रेमी ने बताया कि घर में प्रसव होने पर जच्चा-बच्चा की हालत बिगड़ने पर अस्पताल लाना पड़ता है। ऐसे में सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र में जिला अस्पताल में ही महिलाओं का प्रसव कराए, स्वास्थ विभाग का प्रयास रहता है कि महिलाओ का संस्थागत प्रसव कराया जाए। डाॅ. प्रेमी ने कहा कि कोई भी महिला गर्भवती है तो उसकी जांच कराकर टीके जरूर लगवाएं। परिजनों को प्रसव सरकारी अस्पताल में ही कराने के लिए प्रेरित करें। संस्थागत प्रसव कराने से शिशु एवं मृत्यु दर को रोका जा सकता है। सरकार द्वारा संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने को जननी सुरक्षा योजना चला रही है। योजना का उद्देश्य संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देकर मातृ व शिशु मृत्यु दर को रोकना है। योजना में सरकारी अस्पताल पर प्रसव कराने पर प्रसूताओं को 14 सौ रूपए मदद दिए जाते है, तथा शहरी क्षेत्र में एक हजार रूपये आर्थिक मदद दिए जाते है। डाॅ. प्रेमी ने यह भी कहा कि सुरक्षित डिलीवरी के लिए समय से महिला का अस्पताल पहुंचना जरूरी होता है। लेट होने पर परेशानी बढ़ जाती है। इसलिए डिलीवरी का समय आने पर तुरंत ही अस्पताल पहुंचकर सुरक्षित प्रसव करावें। सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र में पदस्थ नेत्र चिकित्सा अधिकारी (अस्पताल प्रबंधक) डाॅ. दुर्गेश बंजारे ने बताया कि 1 नवम्बर से 06 दिसम्बर तक 108 गर्भवती महिलाओं की सुरक्षित डिलवरी हुई है, तथा 122 आईपी.डी मरीज तथा 60 इमरजेंसी मरीज का ईलाज हुआ है। वही, ओ0पी0डी में लगभग 1300 लोगों का ईलाज केवल 35 दिनों में हुआ है। सरकारी अस्पताल के प्रति धीरे-धीरे लोगों में जागरूता देखी जा रही है, पहले लोग सरकारी अस्पताल के नाम से डरते थे, अब वही लोग सरकारी अस्पताल पहुंचकर ईलाज करा रहे है।
2 Attachments